टाइटैनिक जहाज का नाम सुनते ही लोगों के दिल में खौफ का मंजर आ जाता है. टाइटैनिक का जिक्र आज भी होता रहता है. एमपी के मंदसौर जिले में एक ऐसा मंदिर बना है जो बिल्कुल टाइटैनिक जहाज जैसा है. ये मंदिर देखने में काफी अच्छा लग रहा है. आइए जानते हैं मंदिर की खासियत के बारे में.
मध्य प्रदेश का पहला जहाज मंदिर मंदसौर के सीतामऊ जिले में बना हुआ है.
मार्बल से बने इस मंदिर को बनाने में 16 साल का समय लगा और 20 से अधिक कारीगर ने इसे बनाया है.
इस मंदिर में 5 साल पहले चंबल से निकली करीब 3 हजार साल पुरानी मूर्ति स्थापित होगी.
इस जहाज मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की 41 इंची मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसे बाद लोगों के लिए ये मंदिर खोला जाएगा.
इस मंदिर में आदिनाथ जी, पार्श्वनाथ जी के साथ 6 अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं विराजित होंगी.
इस जहाज मंदिर की चौड़ाई 36 फीट है, जबकि मंदिर की लंबाई 110 फीट है और ऊंचाई 80 फीट है.
जैन धर्म के इस मंदिर में धर्मशाला के अलावा भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी.
जहाज मंदिर का निर्माण करीब 2008 में प्रारंभ हुआ था. राजस्थान के जालौर के बाद ये दूसरा मंदिर है.