Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी अस्पताल बीमार! परिसर में घूमते हैं कुत्ते और बंदर
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Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी अस्पताल बीमार! परिसर में घूमते हैं कुत्ते और बंदर

Rajasthan News: राजस्थान के सरकारी सिस्टम पर शाहपुरा से आई एक खबर सवाल खड़ी कर रही है, आपको बता दें कि ये मामला शाहपुरा के उपजिला अस्पताल का है,जहां जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अव्यवस्थाओं का आलम पसरा हुआ है और खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है.

 

Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी अस्पताल बीमार! परिसर में घूमते हैं कुत्ते और बंदर

Rajasthan News: राजस्थान सरकार लोगों को मुफ्त और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का ढिंढोरा पीट रही है.लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.ऐसा ही मामला शाहपुरा के उपजिला अस्पताल का है,जहां जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अव्यवस्थाओं का आलम पसरा हुआ है और खामियाजा यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों को उठाना पड़ रहा है.अस्पताल परिसर में न तो सुरक्षा के कोई इंतजाम है और न ही साफ-सफाई की कोई व्यवस्था.

अस्पताल परिसर में सुरक्षा गार्ड नहीं

अस्पताल परिसर में पार्किंग का ढर्रा भी बिगड़ा हुआ है.हालात यह हैं कि परिसर में जिधर देखो उधर सिर्फ बाइक ही खड़ी नजर आती है.ऐसे में गंभीर व घायल मरीज को अस्पताल में आने के लिए सड़क से पैदल ही आना पड़ता है. पार्किंग को लेकर झगड़े भी होना आम बात है.इसके अलावा अस्पताल में यहां लगे CCTV कैमरे भी सिर्फ औपचारिकता है. अस्पताल परिसर में सुरक्षा गार्ड के नहीं होने से कुत्ते व बंदर बेखौफ घूमते रहते है.

 चेंबर में भी कुत्ते बैठे नजर आए हैं

कई बार तो बंदर व कुत्ते जच्चा -बच्चा वार्ड व इंडोर कक्ष में भी घूमते हुए देखे जा सकते हैं,और तो और डॉक्टर की सीट व चेंबर में भी कुत्ते बैठे नजर आए हैं.ऐसे में उपचार के लिए आने वाले मरीजों व नवजात की सुरक्षा खतरे में है. कहने को यह अस्पताल उपजिला अस्पताल का दर्जा प्राप्त है लेकिन हालात बहुत खराब है। अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है.

  मरीज को ड्रिप चढ़ाई जा रही

अस्पताल परिसर में कचरा फैला नजर आता है.साथ ही,अस्पताल की दीवार भी पीक के निशान से लाल होती जा रही है.इतना ही नहीं,मौसमी बीमारी को देखते हुए वार्ड में कोई खास इंतजाम नहीं है. यहां बैड पर बेडशीट गायब है.वार्ड के खिड़की व गेट के सहारे ग्लूकोज बोतल बांधकर मरीज को ड्रिप चढ़ाई जा रही है.

मरीजों के लिए बैड के बजाय खाट पर उन्हें लेटाया जा रहा है. यहां बने ICU वार्ड के अधिकतर ताला लटका रहता है. ऐसे में सवाल सवाल खड़ा होता है कि अस्पताल खुद बीमार है तो उपचार के लिए यहां आने वाले मरीजों को मर्ज कैसे ठीक होगा.

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