महाभारत में एक ऐसा योद्धा था, जो सिर्फ एक बाण से युद्ध को समाप्त कर सकता था.
उस योद्धा का बर्बरीक था, जो भीम का पोता था. बर्बरीक के पास बहुत सारी शक्तियां थी.
बर्बरीक आज कलयुग में खाटू श्याम के नाम से जाने जाते हैं.
राजस्थान के सीकर की खाटू नगरी में श्याम बाबा का भव्य मंदिर है, जहां बर्बरीक के शीश की पूजा की जाती है.
कहते हैं कि महाभारत युद्ध पर जाते हुए बर्बरीक ने अपनी मां से कहा था कि युद्ध में जो पक्ष हार रहा होगा, वे उसकी तरफ से युद्ध लड़ेंगे इसलिए वह हारे का सहारा कहलाते हैं.
इसी के चलते भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कूटनीति से बर्बरीक से शीश दान में मांग लिया.
ऐसे में बर्बरीक ने तलवार निकालकर श्री कृष्ण को अपना सिर काटकर दे दिया.
वहीं, भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को कलयुग में स्वयं के नाम से पूजे जाने का वरदान दिया.
बर्बरीक के कटे हुए शीश से पूरा युद्ध देखा. इसके बाद उनका शीश भगवान श्री कृष्ण ने रूपावती नदी में बहा दिया था.
इसके बाद कलयुग में बर्बरीक का शीश सीकर के खाटू गांव में दफन मिला था. इसके बाद से बर्बरीक को खाटू श्याम के नाम से जाने जाना लगा.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.