Hardoi: हरदोई के मदरसों में बड़ा फर्जीवाड़ा! वेरिफिकेशन में 2400 छात्रों का नहीं मिला ब्यौरा
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Hardoi: हरदोई के मदरसों में बड़ा फर्जीवाड़ा! वेरिफिकेशन में 2400 छात्रों का नहीं मिला ब्यौरा

Hardoi News: हरदोई में मदरसों में फर्जीवाड़ा सामने आया है. बीते साल पंजीकृत छात्रों का आधार वेरीफिकेशन कराया गया तो 2400 छात्रों का आधार वेरिफिकेशन नहीं हो सका है. बड़ा सवाल यह है कि गायब छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति कहां जा रही थी.

सांकेतिक फोटो.

आशीष द्विवेदी/हरदोई: विद्यार्थियों के नामांकन के साथ आधार की अनिवार्यता से जिले में चल रहे मदरसों में फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आया है. बीते साल पंजीकृत छात्रों का आधार वेरीफिकेशन कराया गया तो 2400 छात्रों का आधार वेरिफिकेशन नहीं हो सका है. ऐसे में अब जिला प्रशासन शासन को इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा. अभी तक पंजीकृत अधिकतर छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही थी. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि गायब मिले छात्रों में तमाम छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति कहां जा रही थी.

141 मदरसों में पढ़ रहे 25944 बच्चे
दरअसल हरदोई जनपद में 141 मदरसे संचालित हैं, पिछले शिक्षा सत्र में 25944 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि सभी विद्यार्थियों को आधार से जोड़ा जाए. इसके पीछे की वजह थी कि जो छात्रवृत्ति थी, वह ऑनलाइन छात्रों के खाते में पहुंच सके और फर्जीवाड़ा न हो सके.सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई बार छात्र मदरसों या किसी प्राइवेट संस्थान में पढ़ते हैं या फिर इनका कोई अस्तित्व ही नहीं होता है. जब इन छात्रों को आधार से लिंक किया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं.

3010 छात्र नदारद
यू डाइस पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक बीते शैक्षणिक सत्र में जनपद में संचालित 141 मदरसों में 25944 विद्यार्थी थे और 31 अगस्त तक यू डायस पोर्टल के जरिए सभी को आधार लिंक कराना जरूरी था. इसके लिए सभी मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों का आधार वेरिफिकेशन कराया गया और 31 अगस्त को पोर्टल लॉक कर दिया गया. यू डायस पोर्टल लॉक होने के बाद 3010 छात्र नदारद मिले. जिनका आधार वेरिफिकेशन नहीं हो सका या ये कहें कि वह अस्तित्व में ही नहीं है.

कहां जा रही थी गायब छात्रों की छात्रवृत्ति?
ऐसे में आधार से जुड़ने के बाद 3010 छात्रों का पता नहीं चल पा रहा है. हालांकि पंजीकृत सभी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही थी लेकिन विभागीय सूत्रों के मुताबिक गायब मिले छात्रों में तमाम ऐसे छात्र थे जो इसका लाभ ले रहे थे. सवाल यह उठता है कि आखिर इन छात्रों की छात्रवृत्ति कहां जा रही थी और किस के खाते में जा रही थी और कौन इसका इस्तेमाल कर रहा था. 

सालाना मिलती है 3600 की छात्रवृत्ति 
अल्पसंख्यक विभाग के अनुसार मदरसों में पढ़ रहे बच्चों को 300 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जाती थी, मतलब एक छात्र को 3600 रुपये सालाना की छात्रवृत्ति मिलती थी. ऐसे में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है और विभाग इसकी जांच कर रहा है,अब नदारद छात्रों का ब्योरा जिला प्रशासन शासन को भेजेगा. 

इस बारे में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले के मदरसों में जितने बच्चे हैं, सभी का आधार सीड किया गया था. आधार सीडिंग के बाद करीब डेढ़ या दो महीने पहले साढ़े 9 हजार छात्र ऐसे थे. जो अनआईडेंटिफाई थे. बाद में उनकी जांच कराई गई तो बहुत सारे स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड पाए गए. आज जनपद हरदोई में 2400 स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो अनआईडेंटिफाई हैं. विभाग उनकी जांच कर रहा है. जांच के बाद भी वह अनआईडेंटिफाई मिलते हैं तो शासन को अवगत कराया जाएगा. 

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