अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जी का जन्म हुआ था. इस बार 10 मई को परशुराम जयंती है. माना जाता है कि वे आज भी जीवित हैं.
भगवान शिव के अवतार परशुराम जी अपने क्रोध के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपनी मां और 3 भाइयों का वध किया था.
दरअसल, एक बार परशुराम की मां जल लेने नदी पर गईं थीं. वहां वह गंधर्वराज चित्ररथ को देखकर कुछ क्षणों के लिए मोहित हो गईं.
परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि ने अपने तपोबल से पत्नी के मन में आए इस व्याभिचार को जान गए. नाराज होकर उन्होंने अपने पुत्रों को अपनी मां का वध करने के लिए कहा.
तीन पुत्रों ने मां का वध करने से मना कर दिया. लेकिन परशुराम पिता आज्ञा मानने को तैयार हो गए.
तब ऋषि जमदग्नि ने पुत्र परशुराम से मां और तीनों भाईयों का वध करने के लिए कहा. परशुराम ने उन सभी का वध कर दिया.
पुत्र की पितृभक्ति देख जमदग्नि ऋषि प्रसन्न हुए और परशुराम से वरदान मांगने के लिए कहा.
तब परशुराम ने पिता से मां और भाइयों को जीवित करने का वरदान मांग लिया. जमदग्नि ऋषि ने अपने तपोबल से पत्नी और बेटों को पुनर्जीवित कर दिया.