एक स्टडी में पता चला है कि चंद्रमा के ध्रुवीय गड्ढों में बर्फ के रूप में पानी की अधिक मात्रा हो सकती है. ISRO ने बताया कि ये स्टडी अध्ययन अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC)/इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर, दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला और आईआईटी (ISM) धनबाद के शोधकर्ताओं के सहयोग से की गई.
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि ऐसे में बर्फ का नमूना लेने या दोहन करने के लिए चंद्रमा पर खुदाई भविष्य के मिशन और दीर्घकालिक मानव उपस्थिति के लिए अहम होगी.
इसरो के मुताबिक इसके अलावा अध्ययन से यह भी पता चलता है कि उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र में बर्फ के रूप में पानी की मात्रा दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र की तुलना में दोगुनी है.
इसरो ने ये भी कहा कि इस बर्फ की उत्पत्ति के लिए अध्ययन इस परिकल्पना की पुष्टि करता है कि चंद्रमा के ध्रुवों में उपसतह जल बर्फ का प्राथमिक स्रोत इम्ब्रियन काल में ज्वालामुखी के दौरान निकलने वाली गैस है. चंद्रमा पर पानी की खोज से जुड़े नए तथ्य सामने आए हैं. हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्रेटर में अपेक्षा से अधिक उपसतह जल बर्फ हो सकती है, जो भविष्य के मिशनों और संभावित मानव बस्तियों के लिए महत्वपूर्ण है.