Bheed: रिलीज से पहले कंट्रोवर्सी में आई फिल्म भीड़; ट्रेलर हुआ रिलीज, निर्माता ने खुद को किया प्रोडक्शन से अलग
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Bheed: रिलीज से पहले कंट्रोवर्सी में आई फिल्म भीड़; ट्रेलर हुआ रिलीज, निर्माता ने खुद को किया प्रोडक्शन से अलग

Bheed Controversy: बीते कुछ वर्षों में फिल्मों पर विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहे. बीच में थोड़ी शांति थी कि अचानक अब इसी महीने रिलीज होने वाली फिल्म भीड़ के ट्रेलर पर विवाद हो गया है. यह फिल्म कोराना के दौरान लगे लॉकडाउन में गरीबों तथा व्यवस्था में जातिगत भेदभाव को सामने लाते हुए सामाजिक संघर्ष की बात करती है.

 

Bheed: रिलीज से पहले कंट्रोवर्सी में आई फिल्म भीड़; ट्रेलर हुआ रिलीज, निर्माता ने खुद को किया प्रोडक्शन से अलग

Rajkumar Rao Film: बायकॉट बॉलीवुड की चर्चाएं पुरानी नहीं पड़ी हैं और अब राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की फिल्म भीड़ रिलीज से पहले विवादों में घिर गई है. दोनों एक्टर बधाई दो के बाद एक बार फिर साथ काम कर रहे हैं. फिल्म का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है, जिन्होंने हाल के वर्षों में आर्टिकल 15, मुल्क और थप्पड़ जैसी सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों वाली फिल्में बनाई हैं. फिल्म का ट्रेलर शुक्रवार को रिलीज हुआ. पंकज कपूर, कृतिका कामरा और आशुतोष राणा भी फिल्म में हैं. यूं तो भीड़ का टीजर आने पर ही सोशल मीडिया में कई लोगों ने तीख प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, परंतु ट्रेलर के बाद हमले तेज हैं. फिल्म 24 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

त्रासदी से तुलना
ट्रेलर रिलीज के बाद कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है कि फिल्म में कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन की तुलना देश विभाजन की त्रासदी (1947) से की गई है. इस बात के लिए अनुभव सिन्हा लोगों के निशाने पर हैं. हालांकि कई लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं और अभिव्यक्ति की आजादी पर फिर बात होने लगी है. मगर इस बीच गौर करने वाली बात यह है कि दूसरे टीजर के बाद भी निर्माताओं की सूची में से टी-सीरीज और इसके सर्वेसर्वा भूषण कुमार का नाम गायब है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या भूषण अब फिल्म का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन उन्होंने फिल्म की मेकिंग में जो पैसा लगाया, उसका क्या होगा. क्या भूषण कुमार ने खुद को सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से दूर किया है ताकि विवाद की स्थिति में उनकी कोई जवाबदेही न रहे.

लॉकडाउन का सिनेमा
उल्लेखनीय है कि भीड़ भारत में 2020 में कोविड से प्रेरित लॉकडाउन की पृष्ठभूमि पर आधारित है. बताया जा रहा है कि इसे ब्लैक एंड व्हाइट में रिलीज किया जाएगा. कई लोग फिल्म के ट्रेलर को दिल को छू लेने वाला बता रहे हैं, जबकि कई का कहना है कि फिल्म के जरिये अनावश्यक कंट्रोवर्सी पैदा करने की कोशिश है. देश को बदनाम करने का प्रयास है. ट्रेलर में एक ईमानदार पुलिसवाले की भूमिका निभाने वाले राजकुमार राव कहते हैं: न्याय हमेशा ताकतवर के हाथ में होता है शर्माजी. अगर कमजोर के हाथ में न्याय दे दिया जाए तो न्याय अलग होगा. कृतिका कामरा यहां पत्रकार की भूमिका में हैं, जो प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर चर्चा करती हैं. भूमि पेडनेकर डॉक्टर बनी हैं. अनुभव सिन्हा के अनुसार, भीड़ की कहानी उस सामाजिक विषमता पर प्रकाश डालती है जिसका देश ने सबसे कठिन समय में सामना किया.

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