Hong Kong News: ग्लोरी टू हांगकांग नाम का गीत 2019 में हुए बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों का एक प्रतीक बन गया था. गाने में हांगकांग की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए भावनाएं व्यक्त की गई हैं.
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Protest Against China: चीन एक बार फिर से तानाशाही पर उतारू है, वो लगातार हांगकांग की आवाज दबा रहा है.. इसी कड़ी में हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का प्रतीक बन चुका गीत 'ग्लोरी टू हांगकांग" अब यूट्यूब पर नहीं देखा जा सकेगा. चीन के ही इशारे पर हांगकांग की एक अदालत ने इस गाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, जिसके बाद यूट्यूब ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है.
असल में हांगकांग के लोकप्रिय विरोध गीत "ग्लोरी टू हांगकांग" को यूट्यूब ने अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है. यह फैसला उस वक्त आया है जब हाल ही में हांगकांग की एक अदालत ने इस गाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. यह गीत 2019 में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों का प्रतीक बन गया था और आज भी हांगकांग में स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए संघर्ष का प्रतीक है.
यूट्यूब ने कहा है कि वह अदालत के आदेश का पालन कर रहा है और हांगकांग के यूजर्स के लिए इस गाने के सभी वीडियो को हटा देगा. कंपनी ने यह भी कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करने पर विचार कर रही है. यह घटना हांगकांग में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बढ़ते दबाव को उजागर करती है. चीन सरकार ने हाल के वर्षों में हांगकांग पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है और कई स्वतंत्र आवाजों को दबा दिया है.
ग्लोरी टू हांगकांग पर प्रतिबंध हांगकांग के लोगों के लिए एक बड़ा झटका है. यह गीत उनके संघर्ष और स्वतंत्रता के लिए उनकी आकांक्षाओं का प्रतीक है. यह देखना बाकी है कि क्या यूट्यूब इस फैसले के खिलाफ अपील करने में सफल होगा या फिर यह गीत हांगकांग में हमेशा के लिए प्रतिबंधित रहेगा. यह घटना हांगकांग में बढ़ती राजनीतिक दमन की पृष्ठभूमि में सामने आई है. चीन सरकार ने हाल के वर्षों में हांगकांग पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, जिसके कारण लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों पर कड़ी कार्रवाई की गई है.
अब यह देखना बाकी है कि क्या यूट्यूब का यह फैसला हांगकांग में लोगों के बीच नाराजगी को बढ़ावा देगा या नहीं. हालांकि यूट्यूब ने कहा है कि वह अदालत के आदेश का पालन कर रहा है, लेकिन वह इस फैसले के खिलाफ अपील करने पर विचार कर रहा है.
अदालत ने गाने पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के आवेदन को मंजूरी देते हुए यूट्यूब ने सहमति व्यक्त की कि इसे "हथियार" बनाया जा सकता है और अलगाव को भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यूट्यूब ने यह जरूर कहा है कि हमें कोर्ट के फैसले से दुख है, लेकिन हम उनका आदेश मानते हुए हांगकांग में रहने वाले लोगों के लिए गाने के वीडियो को हटा रहे हैं. कंपनी ने आगे कहा, "हम इस फैसले के खिलाफ अपील करने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, ताकि जानकारी तक लोगों की पहुंच बनी रहे.