श्रीराम के पोते बृहद्बल

धर्म

महाभारत का युद्ध धर्म पर अधर्म की जीत पाने का युद्ध था.

कौरवों के पक्ष में

कौरवों के पक्ष में दूर-दूर से आए राजा युद्ध में हिस्सा ले रहे थे और इनमें से एक थे श्री राम के पोते यानी अयोध्या के तत्कालीन राजा.

महाशक्तिशाली

श्रीराम के पोते बृहद्बल जो महाशक्तिशाली थे और श्री राम के जेष्ठ पुत्र कुश के 32वें पीढ़ी थे. रघुकुल के बृहद्बल एक से एक युद्ध विद्या जानते थे.

कौरवों का साथ

युद्ध में बृहद्बल ने कौरवों का साथ दिया था क्योंकि युद्ध से पहले इंद्रप्रस्थ के राज्य स्थापित करने के बाद पांडवों ने राजसूयी यज्ञ का संकल्प लिया था.

युधिष्ठिर

यज्ञ के बाद युधिष्ठिर ने अपना आधिपत्य विश्व के सभी राज्यों पर करने का आदेश दिया था और चारों भाइयों को युद्ध के लिए भेज दिया.

बृहद्बल

बृहद्बल को भीम, नकुल, सहदेव, अर्जुन ने हरा दिया और अयोध्या को अपने अधीन किया. बृहद्बल ने पांडवों से तभी से बदला लेने की ठान ली थी.

पांडवों से युद्ध

इसिलिए बृहद्बल युद्ध में कौरवों के साथ लड़ते हुए पांडवों से युद्ध किया था. हालांकि श्री कृष्ण के आदेश पर उन्होंने अपनी पूरी शक्ति से युद्ध नहीं किया.

वीरगति

ऐसे में युद्ध के तेरवें दिन अर्जुन पुत्र अभिमन्यु के हाथों बृहद्बल वीरगति को प्राप्त हुए.

Disclaimer

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और माध्यमों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को मानने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह ले लें. ये सभी एआई से निकाले गए हैं, इन्हें वास्तिक चित्र न माना जाए. यह एक अनुमान है

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