90 साल की उम्र में 'बुढऊ चाचा' ने बनाई धांसू बॉडी, अच्छे-अच्छों के छूट जाते हैं पसीने
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90 साल की उम्र में 'बुढऊ चाचा' ने बनाई धांसू बॉडी, अच्छे-अच्छों के छूट जाते हैं पसीने

Jim Arrington Building: दिलचस्प बात यह है कि इतनी अधिक उम्र में भी वह बिल्कुल भी धीमे नहीं मालूम पड़ते. वह बेहद ही एक्टिव रहते हैं. वे 90 साल के होने पर भी दुनिया के सबसे बुजुर्ग बॉडीबिल्डर के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का खिताब धारक होने से गर्व करते हैं.

 

90 साल की उम्र में 'बुढऊ चाचा' ने बनाई धांसू बॉडी, अच्छे-अच्छों के छूट जाते हैं पसीने

Oldest Bodybuilder: अमेरिकी बॉडीबिल्डर जिम अरिंगटन उम्र को सिर्फ एक नंबर ही समझते हैं, तभी तो 90 साल की उम्र में बॉडी-बिल्डिंग कर रहे हैं. वे सबसे उम्रदराज फिटनेस फ्रीक में से एक हैं, जिन्होंने अपने शरीर को कड़ी मेहनत से तैयार किया है और उसे बढ़िया शेप देने में दशकों से ज्यादा समय बिताया है. दिलचस्प बात यह है कि इतनी अधिक उम्र में भी वह बिल्कुल भी धीमे नहीं मालूम पड़ते. वह बेहद ही एक्टिव रहते हैं. वे 90 साल के होने पर भी दुनिया के सबसे बुजुर्ग बॉडीबिल्डर के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का खिताब धारक होने से गर्व करते हैं. वह अभी भी बॉडी-बिल्डिंग करते रहते हैं. 

बुजुर्ग शख्स ने किया ऐसा कमाल

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, जिम एक रिटायर सेल्स प्रोफेशन्लस और एक परदादा भी हैं, जिन्होंने 2015 में 83 साल की उम्र में दुनिया के सबसे बुजुर्ग बॉडीबिल्डर का रिकॉर्ड दर्ज किया था. अभी भी मौका पड़ने पर मजबूत और प्रभावशाली शरीर वाले बुढ़ऊ चाचा अपनी बॉडी लोगों को इंस्पायर करते हैं. वह अभी भी एक मॉडल हैं और मेन्स हेल्थ पत्रिका के लिए न्यूड फोटो भी खिंचवाई थीं.

90 साल की उम्र में जिम अभी भी तेज रफ्तार में दौड़ रहे हैं और बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिताओं को जीतने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उनकी विनिंग लिस्ट में, हाल ही में हुए नेवादा के रेनो में आईएफबीबी प्रोफेशनल लीग कार्यक्रम शामिल है जहां उन्होंने पुरुषों की 70 से अधिक श्रेणी में तीसरा स्थान और 80 से अधिक श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया.

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प्री-मेच्योर और बीमार होने के बाद भी खुद को बनाया मजबूत

जैसा कि भाग्य को मंजूर था. समय से डेढ़ महीने पहले मैं अपरिपक्व बच्चे के रूप में पैदा हुआ था. उस समय उसके माता-पिता ने उसे बचाने के लिए संघर्ष किया, जिसका वजन सिर्फ 5.5 पाउंड या 2.4 किलोग्राम था. अस्थमा जैसी कई गंभीर बीमारियों की वजह से उसे बहुत अस्वस्थ और अक्सर बीमार बच्चा बना दिया. 1947 में, 15 वर्ष के जिम ने संकल्प लिया कि वह अब ऐसे नहीं रह सकता और फिर वजन उठाना शुरू किया. जिम ने कहा, "मैं एक सुपरहीरो बनना चाहता हूं." दुनिया के सबसे महान खिताब के बारे में उन्होंने कहा, "मैंने इसका भरपूर लुत्फ उठाया. मैं कहूंगा कि हर किसी को एक होना चाहिए, लेकिन केवल कुछ ही ऐसा कर सकते हैं."

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