जानें क्या है ठंडा लावा, 40 से अधिक लोगों की ले ली जान, मचाई तबाही तो होने लगी चर्चा
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जानें क्या है ठंडा लावा, 40 से अधिक लोगों की ले ली जान, मचाई तबाही तो होने लगी चर्चा

What is cold lava: इन दिनों ठंडा लावा की खूब चर्चा हो रही है, जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है,  आइए जानते हैं क्या है ठंडा लावा, जिसने मचा रखी है तबाही. 

जानें क्या है ठंडा लावा, 40 से अधिक लोगों की ले ली जान, मचाई तबाही तो होने लगी चर्चा

Indonesia Island Hit By Deadly Cold Lava: इंडोनेशिया में हुई बारिश ने तबाही मचा दी है. जिस कारण कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर कीचड़ और बारिश के कारण अब तक 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. वहीं कोल्ड लावा के कारण 100 से अधिक घर और 16 पुल तबाह हो गए हैं. सरकार द्वारा लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. कोल्ड लावा के फ्लैश फ्लड से पश्चिमी सुमात्रा के तीन जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. 

ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा के बारे में तो आप सभी लोगों ने सुना होगा. लेकिन कोल्ड लावा यानी ठंडा लावा क्या है आइए जानते हैं. 

क्या है कोल्ड लावा 
इंडोनेशिया में कोल्ड लावा को लहार के नाम से भी जाना जाता है. यह पानी, ज्वालामुखी की राख, चट्टान के टुकड़े और बर्फ के टुकड़ों का मिश्रण होता है. ये गीले कंक्रीट की तरह बहता है. कोल्ड लावा ज्यादातर नदी घाटियों में बहता है और तेज गति के साथ आगे बढ़ता है. यह खड़ी ढलानों पर 75-80 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक स्पीड से बढ़ता है.

इसमें विस्फोट नहीं होता 
युनाइटेड स्टेट्स जियोग्राफिकल सर्वे (यूएसजीएस) के मुताबिक कोल्ड लावा गीले कंक्रीट के घूमते हुए घोल जैसा दिखता है. यह लावा इमारतों, पुलों और सड़कों समेत अपने रास्ते में आने वाली लगभग किसी भी चीज़ को कुचल और दफना सकता है. वहीं यूएसजीएस के मुताबिक यह आमतौर पर ज्वालामुखी विस्फोट से जुड़ा होता है, लेकिन जब कोई विस्फोट नहीं होता है, तो भी कोल्ड लावा आ सकता है.

ठंडा लावा है खतरनाक
हालांकि कभी-कभी भारी बारिश या बर्फबारी ज्वालामुखी की राख को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम करती है. इस दौरान ये इसे एक घोल बना देती है. बता दें कि कोल्ड लावा को आमतौर पर तबाही मचाने वाले लावे के तौर पर जाना जाता है. यही कारण है कि यह कई बार पर्वतों से निकलने वाले लावे से भी ज्यादा खतरनाक रूप लेता है. 

इंडोनेशिया में मची तबाही
इंडोनेशिया कई सारे सक्रिय ज्वालामुखियों के साथ ठंडे लावा की विनाशकारी प्रभाव को देख चुका है. यही वजह है समुद्र तल से 9,485 फीट की ऊंचाई पर स्थित माउंट मरापी के लिए इन दिनों मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. अप्रैल में माउंट मेरापी के कारण आसमान में राख दिखाई दे रही थी. इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं. माउंट मेरापी इनमें इनमें से एक सक्रिय ज्वालामुखी है. इस समय सुमात्रा में कई लोग मारे गए हैं. कई लापता हैं. जिन्हें ढूंढने के लिए पुलिस और मिलिट्री 40 लोगों की टीम लगाई गई है.

पहले भी बिगाड़े हालात
इंडोनेशिया में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को कोल्ड लावा और भी भयावह बनाने का काम कर रहा है. इसको लेकर पहले अप्रैल में उड़ानें रद्द कर दी गईं. सड़कें बंद कर दी गईं और 11,000 से अधिक लोगों को जगह खाली करने के लिए कहा गया था.

माउंट मेरापी पर कहर
मानसून की भारी बारिश और भूस्खलन तथा माउंट मेरापी से निकले लावे ने शनिवार को आधी रात से ठीक पहले पश्चिमी सुमात्रा प्रांत के चार जिलों में कहर बरपा दिया. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने कहा कि बाढ़ में कई लोग और 79 मकान बह गए तथा कई घर और इमारतें जलमग्न हो गईं. नतीजतन 3,300 से अधिक निवासियों को अस्थायी सरकारी सहायता केन्द्रों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. मुहारी ने कहा कि मंगलवार तक कीचड़ और नदियों से 52 शवों को निकाला जा चुका है. बचावकर्मी उन 20 लोगों की तलाश कर रहे हैं, जो लापता बताए जाते हैं.

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