चिंता से निपटने के लिए कभी-कभी आध्यात्मिक मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है. यहां बीके शिवानी जी के कुछ उद्धरण दिए गए हैं जो आपको तनाव और चिंता के कठिन समय से निपटने में मदद करेंगे.
"जिस क्षण हम दूसरों को बदलने की कोशिश करना बंद कर देते हैं और खुद को बदलना शुरू कर देते हैं, हमारे आस-पास की चीजें बदलना शुरू हो जाती है."
"अपने विचारों को बुद्धिमानी से चुनें, क्योंकि वे आपकी वास्तविकता बन जाते हैं."
"आपकी ख़ुशी बाहरी परिस्थितियों से निर्धारित नहीं होती, यह आपके विचारों, शब्दों और कार्यों से निर्धारित होती है."
"जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण आपके दृष्टिकोण या उस ऊंचाई को निर्धारित करता है जिस तक आप पहुंच सकते हैं"
"अपनी गलतियों के लिए खुद को माफ करें, उनसे सीखें और आगे बढ़ें."
"एक सच्चा रिश्ता दिलों का रिश्ता होता है, सिर्फ शारीरिक बंधन नहीं और एक रिश्ता कभी भी किसी को बदलने के बारे में नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें वैसे ही स्वीकार करना और प्यार करना चाहिए जैसे वे हैं."
"उन रिश्तों को पकड़ कर न रखें जो आपकी ऊर्जा ख़त्म कर देते हैं और आपको छोटा महसूस कराते हैं. अपने आप को ऐसे लोगों से घेरें जो आपको ऊपर उठाते हैं और आपको प्रेरित करते हैं."
"क्षमा का अर्थ केवल पिछली गलतियों को छोड़ना नहीं है, यह घावों को भरना और साथ मिलकर आगे बढ़ना है."