University Exam: वॉट्सऐप पर मंगाया पेपर, फिर निकाले प्रिंटआउट, ऐसे हुआ MA का एग्जाम
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University Exam: वॉट्सऐप पर मंगाया पेपर, फिर निकाले प्रिंटआउट, ऐसे हुआ MA का एग्जाम

Maharaja Suheldev State University: जब स्टूडेंट पेपर देने पहुंचे तो एग्जाम सेंटर में पेपर ही नहीं पहुंचा था. जब एग्जाम का टाइम शुरू होने के बाद 45 मिनट बीत गए, तब जाकर पेपर को वॉट्सऐप के जरिए केंद्र व्यवस्थापकों ने मंगवाया.

University Exam: वॉट्सऐप पर मंगाया पेपर, फिर निकाले प्रिंटआउट, ऐसे हुआ MA का एग्जाम

MA Exam in Suheldev University: यूनिवर्सिटी के एग्जाम हों और जब स्टूडेंट एग्जाम देने के लिए हॉल में पहुंचें और उनको पता चले कि अभी तक पेपर ही नहीं आया है. क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है? लेकिन महाराजा सुहेलदेव यूनिवर्सिटी में ऐसा हुआ है. यूनिवर्सिटी में एग्जाम चल रहे हैं. पिछले 5 दिन में एग्जाम के दौरान दूसरी बार गड़बड़ी हुई है और इसका खामियाजा स्टूडेंट्स को उठाना पड़ा है. यूनिवर्सिटी में एमए प्राचीन इतिहास का एग्जाम देने के लिए स्टूडेंट्स पहुंचे थे. जब स्टूडेंट पेपर देने पहुंचे तो एग्जाम सेंटर में पेपर ही नहीं पहुंचा था. जब एग्जाम का टाइम शुरू होने के बाद 45 मिनट बीत गए, तब जाकर पेपर को वॉट्सऐप के जरिए केंद्र व्यवस्थापकों ने मंगवाया. इसके बाद इसके प्रिंट आउट निकाले गए और एग्जाम कराया गया. 

इस मामले के बाद कुलपति ने परीक्षा समिति की बैठक बुलाई. एग्जाम मंगलवार (7 मई 2024) को हुआ था. उस दिन परीक्षा सुबह 8 बजे से  शुरू होनी थी.  स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर पर तो पहुंच गए लेकिन पेपर नहीं पहुंचा था.  जब पेपर के बारे में केंद्र के व्यवस्थापकों ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से कॉन्टेक्ट किया तो पता चला कि पेपर तो छपा ही नहीं है. जब इस चीज का पता चला तो रजिस्ट्रार ने पेपर को वॉट्सऐप पर भिजवाया. इसके बाद क्वेश्चन पेपर के सेंटर्स पर प्रिंट आउट निकलवाए गए तब जाकर स्टूडेंट्स को पेपर मिला. इस तरह एजेंसी की लापरवाही की वजह से 45 मिनट बाद पेपर शुरू हुआ. 

महाराजा सुहेलदेव यूनिवर्सिटी से आजमगढ़ और मऊ में 454 कॉलेज संबंद्ध हैं. यूनिवर्सिटी के सेमेस्टर एग्जाम चल रहे हैं. 2 मई को MA का संस्कृत का चौथे सेमेस्टर का एग्जाम था. तो एग्जाम सेंटर्स पर क्वेश्चन पेपर की जगह लिफाफे में प्लेन पेपर भेज दिए. ऐसा होने के बाद एग्जाम रद्द करना पड़ा.  अमर उजाला को महाराजा सुहेलदेव स्टेट यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विशेश्वर प्रसाद ने बताया कि एजेंसी ने पेपर प्रिंट नहीं करवाया था, इसलिए परीक्षा में देरी हुई और मजबूरी में पेपर व्हॉट्सऐप पर मंगवाना पड़ा. वहीं महाराजा सुहेलदेव यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि मामले के लेकर परीक्षा समिति की बैठक बुलाई गई है. यूनिवर्सिटी में स्टाफकम है, किसी तरह काम चलाया जा रहा है.

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