सूर्य से 5 करोड़ गुना बड़े ब्लैक होल! हो रहा ब्रह्मांड के महादैत्यों का मिलन, जेम्स वेब टेलीस्कोप बना गवाह
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सूर्य से 5 करोड़ गुना बड़े ब्लैक होल! हो रहा ब्रह्मांड के महादैत्यों का मिलन, जेम्स वेब टेलीस्कोप बना गवाह

James Webb Telescope Discovery: जेम्स वेब टेलीस्कोप ने दो विशालकाय ब्लैक होल के मिलन को कैमरे में कैद किया है. ये दोनों ब्लैक होल हमारे सूरज से करीब 5 करोड़ गुना ज्यादा बड़े हैं.

सूर्य से 5 करोड़ गुना बड़े ब्लैक होल! हो रहा ब्रह्मांड के महादैत्यों का मिलन, जेम्स वेब टेलीस्कोप बना गवाह

Black Holes Merger: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड की शुरुआत में बने दो ब्लैक होल को एक-दूसरे में मिलते हुए देखा है. अभी तक जितने भी ब्लैक होल्स का विलय देखा गया है, ये उनमें सबसे दूर हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, इन्हें 13 बिलियन प्रकाश वर्ष से भी ज्यादा दूरी पर देखा गया है. यानी जब ये ब्लैक होल बने, उस समय ब्रह्मांड की उम्र सिर्फ 740 मिलियन साल रही होगी. वैज्ञानिकों ने इनके मिलन को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के लेंस से देखा. दोनों ब्लैक होल हमारे सूर्य से करीब 5 करोड़ गुना ज्यादा बड़े हैं. ये भले ही सबसे पुराने या सबसे बड़े ब्लैक होल न हों, इसके बावजूद ये काफी तेजी से बड़े हुए हैं. यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के अनुसार, नई खोज खगोल विज्ञान के प्रमुख थ्‍योरी को चुनौती देती है. आखिर ब्रह्मांड की शुरुआती अवस्था में वस्तुएं इतनी बड़ी और इतनी तेजी से कैसे बढ़ सकती हैं?

वैज्ञानिकों ने कैसे देखा ब्लैक होल का मिलन?

ब्लैक होल के मर्जर को समझने के लिए रिसर्चर्स ने JWST के इंफ्रारेड कैमरों को ZS7 नाम के ब्लैक होल सिस्टम पर फोकस किया. यह ब्रह्मांड के शुरुआती युग में स्थित है जिसे कॉस्मिक डॉन (Cosmic Dawn) के नाम से जाना जाता है. हमें यह पहले से पता था कि इस सिस्टम में एक एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियस (AGN) - गैलेक्सी के केंद्र में एक भीमकाय ब्लैक होल - मौजूद है. JWST ने ब्लैक होल के इर्द-गिर्द गैस के घने बादल की गति को पकड़ा. पता चला कि यह लगातार बड़ा हो रहा है. JWST ने पास में ही मौजूद एक और ब्लैक होल की लोकेशन भी बता दी जो शायद पहले वाले में मर्ज हो रहा है.

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मर्ज होकर अपना साइज बढ़ाते हैं ब्लैक होल!

स्टडी के मुताबिक, महाविशाल ब्लैक होल शुरुआत से आकाशगंगाओं के विकास में अहम भूमिका निभाते रहे हैं. नई खोज यह दिखाती है कि शायद विलय ही वह रास्ता है जिससे ब्लैक होल काफी तेजी से बड़े हो सकते हैं, यहां तक कि ब्रह्मांड की शुरुआत में भी. ब्लैक होल बेहद भीमकाय ऑब्जेक्ट होते हैं जिनके गुरुत्वाकर्षण से प्रकाश तक नहीं बच पाता. ऐसा माना जाता है कि जब महाविशाल तारे सुपरनोवा विस्फोट में टूटते हैं, तब ब्लैक होल बनते हैं. ये ब्रह्मांड की धूल, गैस, तारे और अन्य पदार्थ को निगलते हुए अपना आकार बढ़ाते रहते हैं.

सबसे भूखे और सक्रिय ब्लैक होल महाविशाल स्तर तक पहुंच सकते हैं. उनका आकार हमारे सूर्य के हजारों गुना से लेकर अरबों-खरबों गुना बड़ा हो सकता है. इतने बड़े  आकार का होने के लिए ब्लैक होल आसपास की आकाशगंगाओं में मौजूद बड़े ब्लैक होल से मर्ज होते रहते हैं. 

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